"अपनी किस्मत पे इतराने लगे हैं, रूबरू होने की बात छोड़िए आलम कुछ यूं है कि गुफ्तगू से भी कतराने लगे हैं, गुरुर की चादर ओढ़े कुछ रिश्ते कुछ यूं सिमटने लगे हैं।" ©Devendra Maurya #Life_experience #lifee_events #lifeinspirations