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कितनी नज़रों ने है ताका, अंदर तक मुझे घूरा है.! ना

कितनी नज़रों ने है ताका,
अंदर तक मुझे घूरा है.!
नारी देह को गिद्ध नज़र से
सबने मुझको लुटा है.!
नज़रों ही नज़रों में लगता,
लूटा मेरी #इज़्जत है.!
तार-तार कर दिया है इज़्जत,
कहां-कहां नही घूरा है.!
नज़रों से बिध गया शरीर है
नही जान अब इसमें है,
अपने देह से घृणा हो रही,
जैसे मैं खिलौना हूँ.!
#अजय57 #नारी_व्यथा
कितनी नज़रों ने है ताका,
अंदर तक मुझे घूरा है.!
नारी देह को गिद्ध नज़र से
सबने मुझको लुटा है.!
नज़रों ही नज़रों में लगता,
लूटा मेरी #इज़्जत है.!
तार-तार कर दिया है इज़्जत,
कहां-कहां नही घूरा है.!
नज़रों से बिध गया शरीर है
नही जान अब इसमें है,
अपने देह से घृणा हो रही,
जैसे मैं खिलौना हूँ.!
#अजय57 #नारी_व्यथा
ajaykeshari572073

Ajay Keshari

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