पंछियों को खुले आकाश में उड़ते हुवे देखा मोहब्बत में था मैं, पंछियों ने रोते हुवे देखा मेरे रोने के गवाह है चाँद सूरज आकाश और ये दीवारें मेरे बेगुनाह होने से पहले सभी को बदलते हुवे देखा वफ़ा ऐ इश्क़ में काँच की मूरत बना हूँ बेवफा ऐ इश्क़ में मूरत के कणों को बिखरते हुवे देखा मसाल जला कर रास्ते बना रहा हूँ मोहब्बत करने वालों के लिये खामोस ने मोहब्बत में कई लोगों को गिरते हुवे देखा बात खुद पे आये तो जुबान गंदी हो जाये चलता है खामोस गाली दे तो बहन बेटियाँ है बोलकर चुप करवाते हुवे देखा Ritika suryavanshi