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दर्द के बराबर तो आंसू निकलता नहीं, क्या कहूं कि ज़

दर्द के बराबर तो आंसू निकलता नहीं,
क्या कहूं कि ज़ख्म - ए - उदय ,
अब किसी के यादों से भी भरता नहीं।
मिटकर भी मिटने के निशान लबों पे दिखते है,
ये तेरा कैसा नाम है जो लब से उतरता नहीं।
ना कुछ कर , बस मेहसूस कर तो अच्छा लगेगा,
इश्क है, इसे बार बार जताने से अच्छा लगता नहीं।
इश्क़ में दिलों का जागना जरूरी होता है,
बस आंखों के खुलने से तो इश्क जगता नहीं।
#Nubastu..... #Nubastu.दिलसे..... Pawan Rajput @123 Anshula Thakur Anshu writer  Rajesh rajak 🌹Adhoori Khwahish🌹
दर्द के बराबर तो आंसू निकलता नहीं,
क्या कहूं कि ज़ख्म - ए - उदय ,
अब किसी के यादों से भी भरता नहीं।
मिटकर भी मिटने के निशान लबों पे दिखते है,
ये तेरा कैसा नाम है जो लब से उतरता नहीं।
ना कुछ कर , बस मेहसूस कर तो अच्छा लगेगा,
इश्क है, इसे बार बार जताने से अच्छा लगता नहीं।
इश्क़ में दिलों का जागना जरूरी होता है,
बस आंखों के खुलने से तो इश्क जगता नहीं।
#Nubastu..... #Nubastu.दिलसे..... Pawan Rajput @123 Anshula Thakur Anshu writer  Rajesh rajak 🌹Adhoori Khwahish🌹
udaykumar8178

uday kumar

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