कनक बरन के बसन हैं किशोरीजी के, पीरौ पीरौ बसन सुहात घनश्याम कौ। श्यामल किनारी की अपार शोभा राधिका पै,और इत गेरुआ वसन सोहै श्याम कौ। कीरतकुमारी ! तू है जबते निहारी मन चातक बन्यौ है तेरे रूप अभिराम कौ। सोहन से मोहन अबेर मग जोहन सों, मन 'परेशान' तेरे नेह के गुलाम कौ।। ✍परेशान✍ ©Jitendra Singh #radheshyam #radhamadhav #radhakrishn #radhamanohar #kishorishyam