सृष्टि का विनाश सृष्टि के विनाश की घड़ी आ चुकी थी। सृष्टि की शुरुआत से ही प्रलय की चेतावनियाँ देवलोक में रोजाना प्रसारित होती थीं लेकिन देवलोक में कभी किसी ने उन चेतावनियों को गंभीरता से नहीं लिया था। गंभीरता से लेते भी तो कैसे लेते? परमपिता जब भी अपच से परेशान होते किसी ना किसी देव को भष्म करने की धमकी दे डालते, लेकिन उनकी खट्टी डकार से कभी किसी की दाढ़ी तक ना जली। ऐसे में देवलोक वासियों ने प्रलय की हर भविष्यवाणी को परमपिता की नींद में की हुई बड़बड़ से ज्यादा कुछ नहीं माना था। लेकिन अब देवलोक का हर एक प्राणी इस डर