शब्दों के तीर राम-बाण करता असुर का संहार, कमान से जो छूटा, फिर न जाए बेकार, शब्दों के तीर हों सटीक ऐसे, वार करें सिर्फ कर्तव्यपरायण होकर। कहते हैं कलम और वाक् में ताकत है अपूर्व, कर दें प्यार से घायल कभी, कभी घायल कर इन्सान को कर दें चकनाचूर, शब्दों का सही इस्तेमाल है महत्वपूर्ण। नियंत्रण करना नहीं है आसान, शब्द भी बहते हैं गंगा जैसे, तेज़ धारा पर है हक किसका, नित बहते हैं बिन थकान । अगर विचारों पर हम काबू पाएँ, पाक इरादों से जीना सीखें, शब्द भी बन फूल बरसेंगे, तीर उनके किसी को न कोसँगे। #kksc38 #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #शब्दोंकेतीर