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9. माँ सिद्धिदात्री और अंक एक (1) --------- एक (1)

9. माँ सिद्धिदात्री और अंक एक (1)
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एक (1) ही सृष्टि एक (1)ही सृष्टा एक (1) ही ब्रह्म और एक (1) ही माया। सम्पूर्ण जगत एकही की छाया। हम नवरात्रों में अंक 9 से 8 तक का सफ़र तय कर चुके हैं-- जीवन के विभिन्न आयामों को अभिव्यक्ति देते माता के 8 रुपों को आप तक मैंने पहुँचाया आज माता सिद्धिदात्री का दिन और संख्या एक ( 1 ) है। जीवन शून्य से 1 होने की यात्रा है। जैसे धरती की सभी नदियों का समुद्र हो जाना।गीता में कृष्ण कह रहे हैं कि इस जगत को धारण करने वाला पिता, माता, पितामह, जानने योग्य पवित्र ऊँ कार, ऋक्-साम-यजु:वेद भी मैं ही हूं।
पिताहमस्य जगतो माता धाता पितामह:।
वेद्यं पवित्रमोंकार ऋक्साम यजुरेव च।। (9.17)
अंक ज्योतिष में एक (1) दृण इच्छाशक्ति ,तेज, साहस और प्रसिद्धि को दर्शाता है। माता सिद्धिदात्री की उपासना से ये सब कुछ हमें सहज ही प्राप्त हो जाता है। कैप्शन पढ़ें---- 9. माँ सिद्धिदात्री और अंक एक (1)
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एक (1) ही सृष्टि एक (1)ही सृष्टा एक (1) ही ब्रह्म और एक (1) ही माया। सम्पूर्ण जगत एकही की छाया। हम नवरात्रों में अंक 9 से 8 तक का सफ़र तय कर चुके हैं-- जीवन के विभिन्न आयामों को अभिव्यक्ति देते माता के 8 रुपों को आप तक मैंने पहुँचाया आज माता सिद्धिदात्री का दिन और संख्या एक ( 1 ) है। जीवन शून्य से 1 होने की यात्रा है। जैसे धरती की सभी नदियों का समुद्र हो जाना।गीता में कृष्ण कह रहे हैं कि इस जगत को धारण करने वाला पिता, माता, पितामह, जानने योग्य पवित्र ऊँ
9. माँ सिद्धिदात्री और अंक एक (1)
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एक (1) ही सृष्टि एक (1)ही सृष्टा एक (1) ही ब्रह्म और एक (1) ही माया। सम्पूर्ण जगत एकही की छाया। हम नवरात्रों में अंक 9 से 8 तक का सफ़र तय कर चुके हैं-- जीवन के विभिन्न आयामों को अभिव्यक्ति देते माता के 8 रुपों को आप तक मैंने पहुँचाया आज माता सिद्धिदात्री का दिन और संख्या एक ( 1 ) है। जीवन शून्य से 1 होने की यात्रा है। जैसे धरती की सभी नदियों का समुद्र हो जाना।गीता में कृष्ण कह रहे हैं कि इस जगत को धारण करने वाला पिता, माता, पितामह, जानने योग्य पवित्र ऊँ कार, ऋक्-साम-यजु:वेद भी मैं ही हूं।
पिताहमस्य जगतो माता धाता पितामह:।
वेद्यं पवित्रमोंकार ऋक्साम यजुरेव च।। (9.17)
अंक ज्योतिष में एक (1) दृण इच्छाशक्ति ,तेज, साहस और प्रसिद्धि को दर्शाता है। माता सिद्धिदात्री की उपासना से ये सब कुछ हमें सहज ही प्राप्त हो जाता है। कैप्शन पढ़ें---- 9. माँ सिद्धिदात्री और अंक एक (1)
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एक (1) ही सृष्टि एक (1)ही सृष्टा एक (1) ही ब्रह्म और एक (1) ही माया। सम्पूर्ण जगत एकही की छाया। हम नवरात्रों में अंक 9 से 8 तक का सफ़र तय कर चुके हैं-- जीवन के विभिन्न आयामों को अभिव्यक्ति देते माता के 8 रुपों को आप तक मैंने पहुँचाया आज माता सिद्धिदात्री का दिन और संख्या एक ( 1 ) है। जीवन शून्य से 1 होने की यात्रा है। जैसे धरती की सभी नदियों का समुद्र हो जाना।गीता में कृष्ण कह रहे हैं कि इस जगत को धारण करने वाला पिता, माता, पितामह, जानने योग्य पवित्र ऊँ