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किसी की दाद का मैं मुन्तज़िर नहीं रहता, अपने आप को

किसी की दाद का मैं मुन्तज़िर नहीं रहता,

अपने आप को शाबाशी देते हुए चलता हूँ,
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मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा,, किसी की दाद का मैं मुन्तज़िर नहीं रहता,

अपने आप को शाबाशी देते हुए चलता हूँ !!
किसी की दाद का मैं मुन्तज़िर नहीं रहता,

अपने आप को शाबाशी देते हुए चलता हूँ,
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मौहम्मद इब्राहीम सुल्तान मिर्जा,, किसी की दाद का मैं मुन्तज़िर नहीं रहता,

अपने आप को शाबाशी देते हुए चलता हूँ !!