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शब्दहीनता के शब्दों में, खिलते पल्लव अश्रु से तर भ

शब्दहीनता के शब्दों में,
खिलते पल्लव अश्रु से तर
भावों के प्रेमल झूलन में,
मिलते अंतर के संवत्सर
गीतों की माला ऐसी,
सुर में स्वर्णिम समरस समाव है
मीठी वो मिश्री जैसी,
मन में मद्धम मधुरिम मिलाव है #हमसफ़र #कविता #simile #निःशब्द #अनन्त #प्रेम #मिश्री #iloveyou
शब्दहीनता के शब्दों में,
खिलते पल्लव अश्रु से तर
भावों के प्रेमल झूलन में,
मिलते अंतर के संवत्सर
गीतों की माला ऐसी,
सुर में स्वर्णिम समरस समाव है
मीठी वो मिश्री जैसी,
मन में मद्धम मधुरिम मिलाव है #हमसफ़र #कविता #simile #निःशब्द #अनन्त #प्रेम #मिश्री #iloveyou