नैना नम है आज ,सच कुछ कहना है आज, बिन बेटी के कैसे? सम्पूर्ण होगा सुसभ्य समाज, मां की परछाई पिता का मान समाज की हूँ मै लाज, जानी जाती हूँ जगकल्याणी के नाम से ऐसा सिरमौर सरताज़, बेटी हूँ तो क्या?कोई वजूद नही,पूछो ख़ुद से प्रश्न मत बनो झूठे हमराज। 🌝प्रतियोगिता-82 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹" बेटी हूँ तो क्या...??"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I