. प्रेम एक वो अहसास है। जो राख होकर भी सदां अमिट रहता हैं।। जिसके इर्द-गिर्द बसी हैं । हजारों निस्वार्थ मन्नते ओर ये सारी दुनिया।। #गजानन्द शर्मा #प्रेम #निर्बाध