करते हैं हम कामना, ऐसा हो ससुराल। सास ससुर करते रहें,हमको मालामाल।। साली बिन ससुराल में,इतना रहे मलाल। होली में सूने लगें, सारे रंग गुलाल।। जिस घर में साली नहीं,करना मत ससुराल। पत्नी गर जो रूठती, कौन करेगा ख्याल।। सास करें जब आरती,झुक जाता है शीश। ससुर रखें कर पीठ पर,मिलता है आशीष।। सास ससुर से धन मिले,सलहज से खूब दुलार। साली से मज़ाक मिले, बीबी से तकरार।। निशि दिन गायब हो रही,साली एक जमात। कठिन समस्या आ खड़ी,कैसे मिले निजात।। #दोहे #हास्य_विनोद #विश्वासी