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अक्सर लोग अपनों को, गलत कहने से इतराते हैं उनके का

अक्सर लोग अपनों को, गलत कहने से इतराते हैं
उनके काले कृत्यों पर सफेद चादर डाल,
स्वयं को शहंशाह पातें हैं,
कर्म -फल शरीर नहीं समझता किन्तु   
"सत्य"आत्मा सदैव जानती है                                                         क्यूंकि गलत करने वाले, समय पड़ने पर ,अपनों पे भी तरस नहीं खाते हैं।

©virutha sahaj #गलत गलत होता है
अक्सर लोग अपनों को, गलत कहने से इतराते हैं
उनके काले कृत्यों पर सफेद चादर डाल,
स्वयं को शहंशाह पातें हैं,
कर्म -फल शरीर नहीं समझता किन्तु   
"सत्य"आत्मा सदैव जानती है                                                         क्यूंकि गलत करने वाले, समय पड़ने पर ,अपनों पे भी तरस नहीं खाते हैं।

©virutha sahaj #गलत गलत होता है