इस जीवन बगिया में साँसो के माली हैं दुःख के थोड़े कांटे हैं कुछ प्यारी फुलवारी है. क्यूँ सोच रहा बैठा कल किसने देखा है फूलों और कांटों की पक्की ये यारी है. प्रभू जो देख रहा है बस वैसा बाँट रहा है. चाहे कितना भी दे दे ये उसकी तैयारी है. चाहे कितना भी तुम जतन लगा लेना मिलना उतना ही है जितनी उससे यारी है. सुख दुःख आएंगे तू हताश मत होना हर पल ही तो दोनों की उसकी तैयारी है. ©Manav Singh Rana #जीवन #बगिया #mali #janmaashtami Sudha Tripathi IshQ परस्त {Official} POOJA UDESHI