बड़े दिनों बाद देखा था उसे, वही नैन-नक्श, वही मुस्कान, वही लंबे केश, वही कोमल हाथ, वही इंतज़ार, जो मुझसे मिलने का, उसे हमेशा होता था, इतने दिनों बाद देखा तो गले लग गयी, महसूस हुआ की शर्ट भीग गयी थी मेरी, मेरे काफी नज़दीक खड़ी थी वो, फ़िर भी आंखों में कहीं किसी अनन्त में, अब भी खोई हुई थी वो...... अजय नहीं आया, कबसे कहके गया था, कि माँ अभी कुछ दिनों की बात है, बस ६ महीने बाद आ जाऊंगा वापस विदेश से, दिवाली साथ मनाएंगे माँ.... ६ साल हो गए वो अब भी नहीं आया, ये बाहें आज भी उस प्यार भरे आलिंगन को, तलाश रहीं हैं, जिन्हें वो जल्दी जाने और जल्दी आने की, आस में वो अधूरा छोड़ गया था.... इस बीच दरवाज़े पर घंटी बजी, बोली जा देख के आ, शायद आज अजय आ गया हो बेटा, उस दिन अजय अपनी माँ से गले लग के, बिलख-२ के रोया...... आज उस आलिंगन में,वो नर्माहट नहीं थी, जो उस जल्दी आने और जल्दी वापस आने की आस में, अधूरी रह गयी....... इंसान अकसर सही समय पर, प्यार जताने में पीछे रह जाता है, नहीं....?? . . सोचता हूँ, माँ को एक फोन कर आज फ़िर कह दूँ, माँ मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ.....!!!! :- शिवम नाहर #NaPoWriMo #poem_1 #hindipoetry #प्यार #love #nojoto #hindinama