दिन ढलती है, शाम होती है, रात होती है सब मिलते हैं, बस कम मुलाक़ात होती है चांद सूरज बस आपस में फुसफुसाते हैं ना उनका ज़िक्र होता है ना उनकी बात होती है दिन ढलती है, शाम होती है, रात होती है सब मिलते हैं, बस कम मुलाक़ात होती है चांद सूरज बस आपस में फुसफुसाते हैं ना उनका ज़िक्र होता है ना उनकी बात होती है #rakagraphy #yqdidi #qybaba #hindiquotes #hindipoetry #गढ़वालीगर्ल