पतझड़ में जो फूल मुरझा जाते है वो बहारों के आने से खिलते नहीं कुछ लोग जो यूं ही बिछड़ जाते है वो हजारों के आने से मिलते नहीं #पतझड़ #कविता #patjhad #kavita Girish