कितना बदल गया ये जहां यारों करने लगे हैं लोग बहुत गुमां यारों तस्सली देने वाले सब आसमां लगे मुझे असल में वो सब थे बस धुआं यारों मेरे कत्ल का इल्जाम गैरों पर लगा मगर वही कातिल था जो था पासबां यारों अब आवाज देकर भी कोई फायदा नहीं निकल चुका है बहुत दूर कारवां यारों खुशबूदार हुए तो खुद पर इतराने लगे उसे कोई नहीं पूछता जो है बागबां यारों अगर ठान लो कि तुमको हरहाल में है उड़ना तो कम पड़ेगा ये सारा आसमां यारों परेशान न होइय आप मेरी मौजूदगी से हो जाएंगे किसी रोज हम भी दास्तां यारों #बदल #जहां #गुमां #धुआं #मौजूदगी #दास्तां #गुमनाम_शायर_महबूब #gumnam_shayar_mahboob