Nojoto: Largest Storytelling Platform

कुछ इस कदर वो मेरा इम्तहान लेती है। मुस्करा कर वो

कुछ इस कदर वो मेरा इम्तहान लेती है।
मुस्करा कर वो मेरी जान लेती है।
डोर सांसों की जब टूटने लगती है मेरी।
तब आ कर बाहों में मुझे थाम लेती है।
ताहिर।।।

©TAHIR CHAUHAN
  #इम्तहान