बहुत देर हो जाती है सफर से घर पहुँचते पहुँचते ये मंज़िल जो पूरा जिस्म निचोड़ लेती है जिसे पाने की आस में निकले थे बाहर घर से हासिल होकर भी ना जाने अक्सर मुँह मोड़ लेती है घर हमारा ही होता है लेकिन यहाँ तक पहुँचना भी हमारे लिए मुश्किल हो जाता है, क्योंकि घर पर हमारा शरीर तो पहुँच जाता है, मन बाहर ही भटकता रहता है। #घरपहुँचते #collab #yqdidi #yourquoteandmine #rs_rupendra05 #रूप_की_गलियाँ Collaborating with YourQuote Didi #सफर #broken_diary_