इस कदर झकझोर दिया, निकलते नही आंसू अब इन आँखों से, चोट मार मार कर घायल कर दिया, निशा दिखे न दिखे पत्थर का कोई वजूद नही, आकार हो कैसा भी गिना पत्थर ही जाता है, तराशा जाता मैं भी किसी की महोब्बत में शायद, मेरी महोब्बत को मुकम्मल मकां न मिला, दर बदर मिली ठोकर इस कदर, मुझकों पत्थर कर दिया।। मेरे फूल से दिल को किसने पत्थर कर दिया। #पत्थरकरदिया #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #pchawla16 #महोब्बत #वज़ूद #निशां