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उम्र का दौर है,कहाँ ठहरता है पैदा हुआ हर शख्स मरता

उम्र का दौर है,कहाँ ठहरता है
पैदा हुआ हर शख्स मरता है।

आरजू लिए हुऐ जीता है इंसान ताउम्र
उमींदों का सिलसिला फिर भी कहाँ भरता है

©Kamlesh Kandpal
  #umar