मैसूर शहर शहर लुधियाना ने कभी कभी लिखा था टैंक आगे भी बढ़कर पीछे भी हटे कौन धरती के बोझ होती है फतेह के जैसन हो बिहार का शोक जिंदगी मृत्यु पर रोती है जंग तो खुद ही एक मसला है जब तक क्या मसलों के हल देगी रसिया करण के बीच छिड़ी जंग को देखें तो लगता है शायर का कहा जा आज भी पूरी तरह सच है यहां जन आने वाले वक्त में तमाम समस्या पैदा करेगी कुछ मामलों में तो नजर आने लगी है जैसे कि कच्चे तेल की कीमत फिलहाल हालत यह है कि तेल की कीमत जून 2014 के बाद से उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में सतीश प्रति डॉलर पर बैरल तक पहुंच चुकी हमारे देश के लिए चिंताजनक है भारत हर दिन 55 पॉइंट 5 बैरल कच्चे तेल की खपत होती है तथा अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है हम अपनी जरूरत की पूर्ति मामले में आवश्यकता होती है वाहनों को सड़कों पर दौड़ने से लेकर उद्योग में लगाने वाले पेट्रोल पदार्थ की हमारी मांग सालाना 3 4% की दर से बढ़ती रही है अनुमान है कि अगले एक दशक में भारत में प्रति कच्चे तेल की खबर 7000000 बैरल की मात्र को पूरा कर लेगी बढ़ती कीमत की है एक बार पूरी खबर कच्चे तेल की बढ़ती कीमत का कितना गहरा असर होता है इसका अंदाजा वर्ष 2014 की स्थिति से होता जाता है तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत $100 बैरल को पार कर गई है ©Ek villain #तेल के गहराता संकट का हल #Moon