मौत तो एक दिन आनी मुयसर है! ना जाने नींद रातों को क्यों नहीं आती, आगे आती थी हसीं बहुत मगर, अब तबीयत इधर नहीं आती! #मौत #नींद #रातो #हसीं #तबीयत