यहां हर एक सिकंदर का एक दिन ताज गिरता है और कितनो का किस्सा तो किसी फ़शाने में भी नहीं था जिस ताकत के नशे में तू जमाने भर में फिरता है महज कुछ साल पहले ही तू इस ज़माने में भी नहीं था . ताकत का नशा