// नववर्ष // बीते वर्ष जो खत लिखने थे तुझे तेरी ही सलामती का ख्याल कर लिखे ना जा सके मुझसे... कैद हो गए हैं वो सभी शब्द सभी कवितायेँ, कहानियाँ और कल्पनाएं मेरी पलकों के लिफ़ाफ़े में... उन सभी शब्दों को इस नववर्ष आज़ाद कर दूंगा मैं... जो बिखर जायेंगे किसी बंजर ज़मीं पर तो शायद नयी नस्लों को इश्क़ के पेड़ बन कुछ छाँव दे सके... या मिल जायेंगे दिल्ली की इस हवा में तो शायद कुछ रूहानी इश्क़ से महका सके इस प्रदूषित हवा को... या शायद वो शब्द बन जाएं कोई नया धर्म जो राख बना कुछ पुरानी ज़ंजीरों को आहुति मांगे केवल निश्छल प्रेम की... Happy New Year... #hapynewyear #2021 #newyearquotes #oldrituals #selflesslove #modishtro #deepakkanoujia #dilli