ये ताकत थी उनकी अकथनीय प्रेम की। ऐसे ही पानी पर चल कर कोई समुन्दर पार नही हो जाता है।। ये भरोसा ही थी माँ जानकी का श्री राम पर। ऐसे ही राक्षसों के बीच इंतजार नही हो जाता है।। कर वानरों पे यकीन। किया रावण का वध। अरे ये भगवान ही थे , निभाया जिन्होंने इस अटूट प्रेम को। ऐसे ही कोई भी मनुष्य मर्यादा पुरुषोत्तम राम नही हो जाता है। #शर्मा_जी_के_कलम_से #जयश्रीराम