कोशिशें जारी है दिल की, कि एक बार रास्ता बदल जाए, मुकाम तक शायद ही पहुँच पाने की उम्मीद हो। सारे दरवाज़े तो बंद कर दिये है मैंने, एक खिड़की खुली है, शायद तुम्हारी मौजूदगी का एहसास हो। बहाने कईं है जो बना सकता हूँ, अलग होने के लिए, वक्त भी बहुत है, सब कुछ भूलकर छोड़ने के लिए। ये जो तस्वीर बनाई है तुमनें, किसी दिन मिट जाए, पर तुम्हारे हाथों की लकीरों का मेरे सीने पर उभार हो। सारे दरवाज़े तो बंद कर दिये है मैंने, एक खिड़की खुली है, शायद तुम्हारी मौजूदगी का एहसास हो। क्या करुंगा तुम्हें कहकर, तुम कौन सा सुन लोगी, कभी भूल जाओगी, कभी खामोश रहोगी। काश! किसी दिन मुलाकात की बात पर मिलने की गुज़ारिश हो, जहाँ तुम्हारा न आना किसी नए दर्द की तरकीब हो। तभी तो, सारे दरवाज़े तो बंद कर दिए हैं मैंने, अभी भी एक खिड़की खुली है, आखिरी बार का एहसास हो। ©Ananta Dasgupta #stairs #anantadasgupta #painting #decadelifelessons