यों ही नहीं कोई शायर बन जाता हैं हर जख्म को समझना पड़ता है लिखने से पहले किसी के आसुओ को पन्ने मे समेटना आसान नहीं होता, खुद को भी रोना पड़ता है लिखने से पहले लिखावट मे दर्द यों हि नहीं झलकता खुद कि भावनाए सहेजनी पड़ती हैं लिखने से पहले यों हि किसी को बुरा नहीं लिख देते खुद को कटखरे मे खड़ा करना पड़ता है लिखने के पहले -स्वाति कि डायरी #लिखने_से_पहले