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ख़बर स्वतंत्र भारत के इतिहास में आज का "गणतंत्र द

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स्वतंत्र भारत के इतिहास में आज का "गणतंत्र दिवस" भारत का "दुर्भाग्य दिवस"


क्या ग़लत है अगर आने वाली नस्लों (पीढ़ियों) को बताया जायेगा कि "26 जनवरी सन् 2021 का गणतंत्र दिवस" इस तरह मनाया गया कि भारतीय राजनीति के शिखर पर एक देशद्रोही, प्रधान सेवक का ढोंग करते हुए, प्रधानमंत्री की कुर्सी पर कब्ज़ा कर बिराजमान था और देश ही नहीं विश्व को 
56 इंच का सीना वाले मूर्खाधिराज द्वारा दिखाया और बताया जा रहा था कि विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था का मज़ाक भी उड़ाया जा सकता है, इस तरह कि भारत के नागरिक लाखों किसानों को ग़ुलाम और मजबूर बनाने के लिए इस एतिहासिक ठिठुरती भीषण सर्दी में पिछले दो माह से भी अधिक समय से दिल्ली के चहुं ओर घेराबंदी  करने और अपनी अलग "गणतंत्र दिवस ट्रेक्टर  परेड" निकालने पर केवल इसलिए मजबूर कर दिया गया था कि केन्द्र में सत्तासीन देशद्रोही सरकार, तीन "किसानों विरोधी" कृषि कानून वापस लेने या रद्द करने को तैयार नहीं हुई।

©Mohammed Shamoon #khabar
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स्वतंत्र भारत के इतिहास में आज का "गणतंत्र दिवस" भारत का "दुर्भाग्य दिवस"


क्या ग़लत है अगर आने वाली नस्लों (पीढ़ियों) को बताया जायेगा कि "26 जनवरी सन् 2021 का गणतंत्र दिवस" इस तरह मनाया गया कि भारतीय राजनीति के शिखर पर एक देशद्रोही, प्रधान सेवक का ढोंग करते हुए, प्रधानमंत्री की कुर्सी पर कब्ज़ा कर बिराजमान था और देश ही नहीं विश्व को 
56 इंच का सीना वाले मूर्खाधिराज द्वारा दिखाया और बताया जा रहा था कि विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था का मज़ाक भी उड़ाया जा सकता है, इस तरह कि भारत के नागरिक लाखों किसानों को ग़ुलाम और मजबूर बनाने के लिए इस एतिहासिक ठिठुरती भीषण सर्दी में पिछले दो माह से भी अधिक समय से दिल्ली के चहुं ओर घेराबंदी  करने और अपनी अलग "गणतंत्र दिवस ट्रेक्टर  परेड" निकालने पर केवल इसलिए मजबूर कर दिया गया था कि केन्द्र में सत्तासीन देशद्रोही सरकार, तीन "किसानों विरोधी" कृषि कानून वापस लेने या रद्द करने को तैयार नहीं हुई।

©Mohammed Shamoon #khabar