Nojoto: Largest Storytelling Platform

तमाम दुनिया परेशां, परेशां मैं भी सनम, जाने क्यूँ

तमाम दुनिया परेशां, परेशां मैं भी सनम,
जाने क्यूँ इश्क़ में धोखा भी मिलना जायज़ हैं..

क्या मेरा प्यार मयस्सर नहीं, तिरे खातिर,
हर एक दर्द को अपनाना मेरी आदत हैं..

©Bhavesh Thakur तेरे सायें से दूर रहना मुनासिब हैं सनम,
ये सरेआम मेरी ओर से बगावत हैं..

तमाम दुनिया परेशां, परेशां मैं भी सनम,
जाने क्यूँ इश्क़ में धोखा भी मिलना जायज़ हैं..

फरेब क्या आजकल की मोहब्बत हैं सनम,
ये नकली इश्क़ क्या इस दौर की रिवायत हैं..
तमाम दुनिया परेशां, परेशां मैं भी सनम,
जाने क्यूँ इश्क़ में धोखा भी मिलना जायज़ हैं..

क्या मेरा प्यार मयस्सर नहीं, तिरे खातिर,
हर एक दर्द को अपनाना मेरी आदत हैं..

©Bhavesh Thakur तेरे सायें से दूर रहना मुनासिब हैं सनम,
ये सरेआम मेरी ओर से बगावत हैं..

तमाम दुनिया परेशां, परेशां मैं भी सनम,
जाने क्यूँ इश्क़ में धोखा भी मिलना जायज़ हैं..

फरेब क्या आजकल की मोहब्बत हैं सनम,
ये नकली इश्क़ क्या इस दौर की रिवायत हैं..