मजहब के नाम पर,कभी रंगों के नाम पर कभी जाति के नाम पर ,कभी संगी के नाम पर, बाँट देती है सियासत, आदमियत को कई नाम पर पर होश न खोना मेरे बन्धु, तू इतना जान ले, ये जो वतन है तेरा,इसे जरूरत है तेरी ये लोकतंत्र है जो चल रहा वोट से तेरी कुछ भी करना नही ऐसे ही किसी के दावँ पर जब भी लगे उँगली पर वो काल निशान वोट का, कुछ और याद आये ना तो उस वक़्त बस ईमान को याद कर, वोट दे जब भी अपना बस देना तिरंगे को देख कर जय हिंद जय भारत।।।। तिरंगे को देखकर#हिंदी लेखक#हिंदी#neelima#पोएट्री