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मेरी दास्ताँ सुनो मैं गुलाब हूँ ..... पूजता हूँ र

मेरी दास्ताँ सुनो 
मैं गुलाब हूँ .....
पूजता हूँ रब को 
हर शायर का ख्वाब हूँ 
कोई कीमत नहीं समझता
किसी के लिये नायाब हूँ 
मेरी दास्ताँ सुनो 
मैं गुलाब.... 

आज दिन है ये मेरा
 मैं हज़ारों में बिकुंगा 
कल किताबों में होंगा
 या सड़क पर फिकुंगा
मैं कुछ दिन का हूँ राजा 
बाकी दिन खराब हूँ 
मेरी दास्ताँ सुनो 
मैं गुलाब हूँ....

©vikas maurya कहानी गुलाब की❤️🌹 #blankvoicebareilly
#roseday
vikasmaurya7734

vikas maurya

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कहानी गुलाब की❤️🌹 #blankvoicebareilly #roseday

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