Nojoto: Largest Storytelling Platform

समझौते जीवन के, छीन लेते हैं मुस्कान..! टूट जाते

 समझौते जीवन के,
छीन लेते हैं मुस्कान..!

टूट जाते हैं ख़्वाब जैसे,
टूटे बिखरे मकान..!

क्या हुआ क्यों हुआ,
होना नहीं था जो कभी ऐसा..!

ज़िन्दगी को ज़हन्नुम करते,
बनाते ख़ुद को श्मशान..!

फ़िसलता वक़्त बहा कर रक़्त,
सख़्त नज़र आता सारा जहान..!

जीवन का अस्त हुए ख़्यालात पस्त,
जो थे कभी आलिशान..!

©SHIVA KANT
  #adventure #samjhautaa