Maa मेरी मम्मी भोली भाली मेरी मम्मी भोली भाली, समझ ना पाती चक्करचाली, जब उनको समझता हूं मै, उनसे थप्पड़ खाता हूं मै, गुस्सा होकर देती गाली, मेरी मम्मी भोली भाली। जब जब हम है शोर मचाते, या फिर आपस में लड़ जाते, मम्मी हमको आंख दिखती, उनकी बात हम समझ ना पाते, गुस्से में मम्मी कर देती, मेरी गोरी चमड़ी काली। मेरी मम्मी भोली भाली।। Sk mishra (स्वरचित) #मां #मम्मी #mummy #penpoetry