बांध सके जजीरे मेरे ख़्वाबों के उड़ान को अभी तेरी जकड़ इतनी भी मजबूत नहीं और टूट कर बिखर जाऊ मैं मोतियों के जैसे मेरे उम्मीद के धागे इतने भी कमजोर नहीं #sawant