पहचान में नहीं आता ना जाने कौन है सताता कभी बहुत शांत सा है,तो कभी बेमतलब ही है बतलाता कभी यू परस जाता है यादों में ,तो कभी अपना वजूद है छुपाता शाम सी दास्तान है ज़िन्दगी की अंधेरा और रोशनी में से किसी एक को चुन नहीं पाता खरोचा जो सबक मेरा, सूखा दिल का हलक मेरा मौजूदगी ऐसी है उसकी जो तकदीर ना बन पाता बीते पलों सा बस तस्वीर में ही है रुलाता #NightPath #पहचान #केवल #कोने #सताता #दिल