जब दुःख भी ना भाए तब सुख भी ना सुहाए अब पल पल मेरा आन्नद का गीत सुनाए मन मस्त मगन हो छाए सुंदर धरा गगन हो जाए करनी जपती नाम तेरा आत्मा जोगन हो जाए सुगंधि बनकर तु समाए कमली कोमल कुसुम मुस्कुराए नैनो से बहता स्नेह तेरा जीवन में सुधा बरसाए श्वासों का संगीत समय सुनाए नेह का बंधन नृत्य करवाएं अद्भुत है आन्नद तेरा प्रतिक्षण मेरा नियति की रचनाएँ