दोस्तो "हिंदी दिवस"का नाम सुनता हुँ तो चेहरे पर एक खामोशी छा जाती है,,,, ऊर्दु कलमकार" मुहोब्बत इकबाल "ने कहा है! "हिंदी है हम" आखिर क्या वजह रही होगी कि ऊर्दु