भूल हो गई फूल औऱ गुल से बाग़ बेचारा ख़स्ता धूल से पवन उसी का दमन उसी का को लाये पराग बड़ी दूर से? वो भवरों का मुख्य, प्रचुर मधुरस के वो मद में चूर बंज़र अब था पहले वन ज्यों देखी रोया भ्रमरासुर काँटे थे सब क्षणभंगुर देखे जब उसने अंगूर मीठा फल देखी चंचलमन पान करे रस चिंतातुर बची कूची बनराई भी हो चुकी निस्ते नाबूद देख सभी को मरता उसने खो दिया अपना बाबुल #dharmuvach✍ #शॉर्टस्टोरी #यकहिन्दी #dharmuvach #कविता #भवरा #समयकेसाथ #यकदीदी #यकभैया