बेशर्मी की हद्द पार करने वाले दोष देते हैं दूसरे का खुद को कीचड़ में डुबोने वाले प्रश्न करते हैं गंगा माँ पर ©ब्रजेन्द्र उपाध्याय(प्रतापगढ़ी) #कीचड़ #गंगा