मन मयूरा मनमौजी हैं न जाने कहाँ भटकता रहता हैं इस अनजाने संसार मे कर एकाग्रचित्त मन, लगाना है मनवा तो लगा कान्हा के आचार व्यवहार में, भटक रहे हो कस्तूरी मृग की भांति न जाने की अजीज उपहार की तलाश में छोड़ सब निज मोह बसा स्वंय को सांवरिया के अनन्य अन्तराश ए ख़ास में, निज मोह में हो लबरेज तुम क्यो भीगते हो इस एहसान फ़रामोश संसार मे, अगर वास्तव में ही भीगने का शौक हैं तो आओ भीगो साँवरिया के प्यार में, मिल जायेगा समस्त सांसारिक रसमोह आ जाओ राधाकृष्णन के दरबार मे, मिट जाएगी अनन्य चेष्टा न होगी मनोइच्छा कोई भी फिर तेरे इस हरिद्वार में यहाँ हर किसी का अपना आधार है न होता कोई भेदभाव का व्यवहार हैं, सब एक होते हैं न रहता वंचित किसी प्रेममयी जीवन से यहाँ हृदयी उद्गार हैं, सच पा ली मैंने तो शरण जब से ओ पालनहार द्वारिकाधीश तेरे द्वार की, हो गई मस्तानी दीवानी मेरे कृष्ण कन्हैया मेरे सरकार सँवरिया की दीवानी। #bheegnapyarme #competitionsbymanavi #yqdidi #yqbaba #yqquotes #love Some rules related to new competition ✔Aapko do din me ek topic dia jaega jisme aapko collab krna hai. ✔Time limit: 05:00 pm next evening.. ✔No word limit. You can surely write in caption. ✔Results will be out the same evening.