Nojoto: Largest Storytelling Platform

ना मैं हिन्दू हूँ ना मैं मुसलमान हूँ.. मैं तो सबक

ना मैं हिन्दू हूँ ना मैं मुसलमान हूँ.. 
मैं तो सबका ही अब इक निगहबान हूँ.. 
इस सियासत ने मुझको यूँ लूटा है कि, 
अब तो खुद के वजूद से ही अनजान हूँ। 
                          ना मैं हिन्दू हूँ ना मैं मुसलमान हूँ...
                        मैं तो सबका ही अब इक निगहबान हूँ..
ना मैं गाँधी रहा ना अब्दुल कलाम हूँ.. 
मैं तो नेताओं की इक उजड़ी दुकान हूँ..
बाँटते ही रहे मुझको धर्मों में अब तक.. 
मैं तो शाम की आरती और भोर की अजाऩ हूँ। 
                        ना मैं हिन्दू हूँ ना मैं मुसलमान हूँ... 
                       मैं तो सबका ही अब इक निगहबान हूँ... 
मैं मोहब्बत की दुनिया का पैगाम हूँ... 
मैं तो माँ की दुआओं का इक जाम़ हूँ... 
वो जो इतरा रहें हैं तरक्की पे अपने.. 
उनसे कह दो कि मैं भी तो सुल्तान हूँ। 
                       ना मैं हिन्दू हूँ ना मैं मुसलमान हूँ... 
                      मैं तो सबका ही अब इक निगहबान हूँ... 
मैं तो अपनों की शहादत़ का ईनाम हूँ... 
जो दे सबको सुकुन मैं वो इक शाम हूँ... 
मैं ही रहमत हूँ, मैं ही तो रहमान हूँ.. 
कोई माने न माने, मैं इक राम हूँ। 
                    ना मैं हिन्दू हूँ ना मैं मुसलमान हूँ... 
                    मैं तो सबका ही अब इक निगहमान हूँ।। #anandmaurya
ना मैं हिन्दू हूँ ना मैं मुसलमान हूँ.. 
मैं तो सबका ही अब इक निगहबान हूँ.. 
इस सियासत ने मुझको यूँ लूटा है कि, 
अब तो खुद के वजूद से ही अनजान हूँ। 
                          ना मैं हिन्दू हूँ ना मैं मुसलमान हूँ...
                        मैं तो सबका ही अब इक निगहबान हूँ..
ना मैं गाँधी रहा ना अब्दुल कलाम हूँ.. 
मैं तो नेताओं की इक उजड़ी दुकान हूँ..
बाँटते ही रहे मुझको धर्मों में अब तक.. 
मैं तो शाम की आरती और भोर की अजाऩ हूँ। 
                        ना मैं हिन्दू हूँ ना मैं मुसलमान हूँ... 
                       मैं तो सबका ही अब इक निगहबान हूँ... 
मैं मोहब्बत की दुनिया का पैगाम हूँ... 
मैं तो माँ की दुआओं का इक जाम़ हूँ... 
वो जो इतरा रहें हैं तरक्की पे अपने.. 
उनसे कह दो कि मैं भी तो सुल्तान हूँ। 
                       ना मैं हिन्दू हूँ ना मैं मुसलमान हूँ... 
                      मैं तो सबका ही अब इक निगहबान हूँ... 
मैं तो अपनों की शहादत़ का ईनाम हूँ... 
जो दे सबको सुकुन मैं वो इक शाम हूँ... 
मैं ही रहमत हूँ, मैं ही तो रहमान हूँ.. 
कोई माने न माने, मैं इक राम हूँ। 
                    ना मैं हिन्दू हूँ ना मैं मुसलमान हूँ... 
                    मैं तो सबका ही अब इक निगहमान हूँ।। #anandmaurya