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न जाने क्यों खड़ी हूं, उसी राह पर अब भी , न जाने

 न जाने क्यों खड़ी हूं, उसी राह पर अब भी ,
न जाने क्यों सोचती हूं अब भी 
वह लोग जो चले गए मुझे अपना बना कर 
मेरे दिल में प्यार जगा कर
 वह शायद लौट आएंगे पहले की तरह 
मुझे अपना बनाने के लिए
 हर वक्त यह एहसास होता है
 कि वह गए क्यों थे और वह आएंगे किसके लिए 
जब उन्होंने मुझे अपना माना ही नहीं था
 तभी तो वह गए मुझे छोड़ कर इस सूनी राह में
मगर कमबख्त दिल आज भी यह समझा नहीं 
कि मेरे दिल ने उन्हें अपना माना था 
उन्होंने कभी मुझे अपना माना ही नहीं।

©Saba Singh
  #Saba.
archanasingh6120

Saba Singh

Bronze Star
New Creator

#Saba.

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