किसी और से प्रभावित होकर अपनी लेखन विधा बदल दूं,तो समझ लेना कलम तो मेरी होगी पर स्याही किसी और की। औरों के नकारने के भय से परे, अपना नजरिया गढ़ती हूं मैं। #नज़रिया