रात होते ही चांद निकलता है उसका मासूम-सा मुखड़ा,निगाहों में चमकता है वो रहे कहीं भी,खुश रहे ए-खुदा !! शायर टूट कर ही तो निखरता है | ©abhisri095 #मुखड़ा