Nojoto: Largest Storytelling Platform

सब तो आने-जाने हैं। लगता है अनजाने हैं।। रंगीं ख़्व

सब तो आने-जाने हैं। लगता है अनजाने हैं।।
रंगीं ख़्वाबों-सी दुनिया, किसके कहाँ ठिकाने हैं ?

दिन दो रहना है सबको, बात यही  समझाने हैं ।
गोरी चमड़ी है ढलती, राज यही बतलाने हैं।

पद-दौलत, ज़र रह जाते, हाथ कहाँ कुछ जाने है?
माटी में खिल पल-बढ़कर, माटी बीच समाने हैं।

भवसागर का बंधन छूटे मिलके जतन कराने हैं।

अनिल कुमार ''निश्छल''
शिवनी, हमीरपुर

©अनिल कुमार "निश्छल" पद-दौलत, ज़र रह जाते,
हाथ कहाँ कुछ जाने है?

माटी में खिल पल-बढ़कर,
माटी बीच समाने हैं।

भवसागर का बंधन छूटे
मिलके जतन कराने हैं।
सब तो आने-जाने हैं। लगता है अनजाने हैं।।
रंगीं ख़्वाबों-सी दुनिया, किसके कहाँ ठिकाने हैं ?

दिन दो रहना है सबको, बात यही  समझाने हैं ।
गोरी चमड़ी है ढलती, राज यही बतलाने हैं।

पद-दौलत, ज़र रह जाते, हाथ कहाँ कुछ जाने है?
माटी में खिल पल-बढ़कर, माटी बीच समाने हैं।

भवसागर का बंधन छूटे मिलके जतन कराने हैं।

अनिल कुमार ''निश्छल''
शिवनी, हमीरपुर

©अनिल कुमार "निश्छल" पद-दौलत, ज़र रह जाते,
हाथ कहाँ कुछ जाने है?

माटी में खिल पल-बढ़कर,
माटी बीच समाने हैं।

भवसागर का बंधन छूटे
मिलके जतन कराने हैं।
nojotouser6867982115

ANIL KUMAR

New Creator