सफर में थकान है जिस्म में बुखार है मंजिल में कुछ दूरी है चलना भी मजबुरी हैं दिल से बेहाल हूं पर चलता जा रहा हूं शायद यही मेरी ज़िन्दगी यही मेरी किस्मत ©Riddhi Yadav #Fiver