इतनी आग नहीं अब मुझमें, जलके अम्बर भर जाऊं मैं, धधक के बुझने से अच्छा है, खामोशी से मर जाऊं मैं। ©Alok Garg Kumar Shukla #Nojoto #nojotohindi #nojotoshayari #nojotowriters #kavishala #marjajnmain #alokgargkumarshukla #Light